Neeraj Agarwal

Add To collaction

लेखनी कहानी -02-Mar-2024

शीर्षक - वो अजनबी


              राजन अपनी नौकरी मिलने के साथ-साथ बहुत खुश था। और राजन अपने गांव की माता-पिता से विदा लेकर अपनी नौकरी के लिए शहर क्यों रवाना होता है और शहर की बस पकड़ कर  रामपुर पहुंचते हैं और जिस बस में सफर कर रहा होता है वहां पास में एक सीट पर  बैठी वो अजनबी  हम उम्र खुबसूरत लड़की आप कहां से है जी हम राजन मिल्क से और आप कहां से है जी मैं अमरोहा से हम अपनी नानी के घर जा रहे हैं और आप राजन वो अजनबी लड़की से हम अपनी नौकरी पर जा रहे हैं हमारी अभी नई-नहीं नौकरी लगी है और रामपुर हमें शहर मिला है।
            वो अजनबी लड़की आपका नाम हमारा नाम राजन है और आपका हमारा नाम रजनी है अच्छा तो आप कहां रहती हैं हम तो अमरोहा रहते हैं और आप हम भी अमरोहा के बगल में गांव मिलक है वहां रहते हैं। अच्छा आप भी हमारे गांव के पास की ही हैं जी ऐसा कहते हुए वो अजनबी लड़की रजनी आधुनिक युग में एक दूसरे का मोबाइल नंबर लेकर एक दूसरे से पहचान बढ़ाकर एक दूसरे को अलविदा कह कर चलते हैं। और राजन रामपुर पहुंचकर अपने ऑफिस में नौकरी को लेता है और वहीं पास में कमरा लेकर रहने लगता है और उसे वो अजनबी राजन के दिमाग में उसकी खूबसूरती रह रहकर घूम रही थी राजन उसका फोन नंबर मिलता है और वह अजनबी लड़की भी राजन का फोन सुनकर खुश हो जाती है अब वो अजनबी लड़की राजन से बातों बातों में ही पूछ लेती है कि आप शादीशुदा हैं या कुंवारे हैं। राजन जी बहुत खुश था क्योंकि नौकरी उसे मिल चुकी थी और वो अजनबी उसके दिल में बस चुकी थी। आधुनिक युग में अगर हम सही राह पर चलते हैं तो भी सही निर्णय लेने की उम्र में हमने ले सकते हैं बस फर्क सिर्फ इतना होता है कि हम किसी के साथ गुजारा करने लायक अपने जीवन जिंदगी को निभा सकें और  राजन अपनी जिंदगी में अब सक्षम हो चुका था और वो अजनबी भी राजन को एक नजर में पसंद कर चुकी थी। अब वो अजनबी लड़की रजनी राजन को मन ही मन चाहने लगी थी अव राजन भी रजनी को पसंद करता था और वह अपने घर रजनी का पता भेजकर शादी की बात करने के लिए अपने घर वालों को भेज देता है और वो अजनबी रजनी राजन जैसा जीवनसाथी पाकर बहुत खुश थी बहुत कम जीवन में ऐसे अवसर होते हैं किे रास्ते के सफर में वो अजनबी जीवन का हमसफर बन जाए और किस्मत के साथ ही जिंदगी चलती है और रजनी और राजन वो अजनबी से एक दूसरे के जीवन साथी बन जाते हैं। सच तो इंसान की किस्मत और भाग्य होता है  यह तो कहानी कल्पना और सच्चाई से जुड़ी है। वो अजनबी रास्ते की हमसफर अब राजन की जिंदगी बन चुकी थी और दोनों का विवाह होने के बाद जीवन खुशियों से भर चुका था।
              वो अजनबी कुदरत और ईश्वर की बात निराली होती है जोड़ी और विवाह संजोग होती है यही कहानी का मतलब है वो अजनबी अब पहचान वाली बन चुकी होती है सच तो जीवन का सफर और वो अजनबी न जाने कब किस्मत बदल जाए। 

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

   16
3 Comments

Gunjan Kamal

05-Mar-2024 07:38 PM

👌👏

Reply

Mohammed urooj khan

05-Mar-2024 11:10 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply

hema mohril

05-Mar-2024 09:45 AM

Nice try

Reply